2024 में, 53 देशों में 29.5 करोड़ से अधिक लोगों को गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ा, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 1.4 करोड़ की वृद्धि है। इस चिंताजनक वृद्धि का कारण चल रहे संघर्ष, आर्थिक झटके, अत्यधिक मौसम की घटनाएं और जबरन विस्थापन हैं।
ऑस्ट्रिया, ऑस्ट्रियाई विकास एजेंसी (एडीए) के माध्यम से, इस वैश्विक चुनौती का सामना करने के लिए विकास सहयोग में सक्रिय रूप से शामिल है। एडीए 2004 से अफ्रीका, एशिया और दक्षिण-पूर्वी और पूर्वी यूरोप के देशों में सतत विकास का समर्थन कर रही है।
इस प्रतिबद्धता का एक उल्लेखनीय उदाहरण एडीए और डोनौ सोया के बीच साझेदारी है। अप्रैल 2024 में, उन्होंने सामरिक भागीदारी कार्यक्रम के माध्यम से अपना सहयोग जारी रखा। इसका उद्देश्य सर्बिया, बोस्निया और हर्जेगोविना, मोल्दोवा और यूक्रेन में टिकाऊ, पता लगाने योग्य और गैर-जीएमओ उत्पादन के माध्यम से कृषि और खाद्य क्षेत्र को मजबूत करना है। इस पहल से रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलता है और क्षेत्र में गरीबी कम करने में योगदान मिलता है। यह पहल भारत जैसे विकासशील देशों के लिए भी एक प्रेरणा हो सकती है।
इसके अलावा, एडीए ने जून 2025 में बर्नड ब्रूनर को अपने नए प्रबंध निदेशक के रूप में स्वागत किया। उनके नेतृत्व में, एजेंसी भागीदार देशों में जीवन स्थितियों में सुधार के उद्देश्य से परियोजनाओं को लागू करना जारी रखेगी। इन प्रयासों के बावजूद, वैश्विक खाद्य सुरक्षा एक गंभीर चुनौती बनी हुई है, जिसके लिए भूख से निपटने और दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निरंतर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है। भारत सरकार भी इस दिशा में प्रयासरत है और 'अन्नपूर्णा योजना' जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है।