क्रेमलिन ने घोषणा की है कि वह अगली दौर की वार्ता के लिए यूक्रेन के प्रस्ताव का इंतजार कर रहा है। प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने पुष्टि की कि अभी तक कोई तारीख तय नहीं हुई है। तुर्की भी शामिल है, जिसके विदेश मंत्री हाकन फिदान संभावित तीसरे दौर की वार्ता के संबंध में कीव से प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं। राष्ट्रपति पुतिन ने वर्तमान वास्तविकताओं के आधार पर शांतिपूर्ण समझौतों पर विचार करने की तत्परता व्यक्त की है। राष्ट्रपति एर्दोगन ने पुतिन की संघर्ष को समाप्त करने की इच्छा का अवलोकन किया है। स्थिति तरल बनी हुई है क्योंकि दोनों पक्ष भविष्य की चर्चाओं के लिए प्रस्तावों का इंतजार कर रहे हैं।
इस संघर्ष का युवा पीढ़ी पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। युवाओं को शिक्षा और रोजगार के अवसरों में व्यवधान का सामना करना पड़ रहा है। कई युवा स्वयंसेवा और मानवीय प्रयासों में शामिल हो रहे हैं, जिससे उनमें सामाजिक जिम्मेदारी की भावना बढ़ रही है। यूक्रेन के युवा अपनी सुरक्षा और भविष्य के बारे में चिंतित हैं, जबकि रूस के युवाओं को अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों और आर्थिक अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है। भारत में, युवा सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन प्लेटफार्मों के माध्यम से इस मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं। कई युवा शांति और संवाद का समर्थन कर रहे हैं, जबकि अन्य विभिन्न पक्षों के प्रति सहानुभूति रखते हैं।
भारत सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए 'ऑपरेशन गंगा' चलाया, जिससे हजारों युवाओं को सुरक्षित निकाला गया। यह संघर्ष युवाओं को वैश्विक मामलों और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के बारे में अधिक जागरूक बना रहा है। आने वाली पीढ़ी पर इस संघर्ष का दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेगा, जो उनके मूल्यों, दृष्टिकोणों और भविष्य की आकांक्षाओं को आकार देगा।