हैदराबाद के बाज़ार: इतिहास और आधुनिकता का संगम

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हैदराबाद के बाज़ार शहर की समृद्ध ऐतिहासिक विरासत और जीवंत वर्तमान का एक अनूठा मिश्रण प्रस्तुत करते हैं। 21 जुलाई, 2025 तक, ये बाज़ार शहर के सांस्कृतिक और वाणिज्यिक जीवन की झलक पेश करते हुए फल-फूल रहे हैं। हैदराबाद के बाज़ारों की जड़ें कुतुब शाही राजवंश (1518-1687) तक फैली हुई हैं, जिसने व्यापार को बढ़ावा दिया और गोलकोंडा को हीरे, वस्त्रों और छपे हुए कपड़ों के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाया। 1591 में मुहम्मद कुली कुतुब शाह द्वारा चारमीनार के आसपास स्थापित शहर ने एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में अपनी पहचान बनाई।

लाड बाज़ार, जिसे चूड़ी बाज़ार भी कहा जाता है, इन ऐतिहासिक बाज़ारों में से एक प्रमुख है। "लाड" शब्द का अर्थ है लाख, जिसका उपयोग यहाँ की प्रसिद्ध चूड़ियाँ बनाने के लिए किया जाता है। 200 से अधिक वर्षों के इतिहास के साथ, लाड बाज़ार अपनी संकरी गलियों में चूड़ियों, आभूषणों, पारंपरिक परिधानों और कलमकारी पेंटिंग्स की दुकानों से भरा हुआ है। चारमीनार और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल चौमहल्ला पैलेस के निकट होने के कारण इसका आकर्षण और बढ़ जाता है।

बेगम बाज़ार, हैदराबाद के वाणिज्यिक परिदृश्य का एक और महत्वपूर्ण स्तंभ है, जिसे शहर का सबसे बड़ा थोक बाज़ार माना जाता है। कुतुब शाही शासनकाल के दौरान स्थापित, यह बाज़ार घरेलू सामानों, मसालों, पीतल के बर्तनों और वस्त्रों का एक जीवंत केंद्र बन गया है। बाज़ार का ऐतिहासिक महत्व इस तथ्य से और बढ़ जाता है कि इसे निज़ाम काल के दौरान निज़ाम अली खान की पत्नी हुमदा बेगम ने व्यापारियों को व्यापार और वाणिज्य के लिए उपहार में दिया था। बेगम बाज़ार अपने जीवंत मछली बाज़ार और ऐतिहासिक रूप से शहर के सबसे बड़े फल और सब्जी बाज़ार, मोज़्ज़म जाही बाज़ार के निकट होने के लिए भी जाना जाता है।

अबीद मार्केट क्षेत्र, शहर की बदलती वाणिज्यिक पहचान का प्रतीक है और हैदराबाद के सबसे पुराने और प्रसिद्ध व्यावसायिक जिलों में से एक है। छठे निज़ाम के एक सेवक अल्बर्ट अबीद के नाम पर रखा गया यह क्षेत्र अब किताबों और इलेक्ट्रॉनिक्स का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है, जो परंपरा को समकालीन रुझानों के साथ जोड़ता है।

शहर के बाज़ार परिदृश्य को और समृद्ध करने के लिए, "फ़ूड ए'फ़ेयर 2025" का आयोजन 14-16 नवंबर, 2025 को HITEX एग्जीबिशन सेंटर में किया जाएगा। यह प्रमुख खाद्य और पेय व्यापार मेला उत्पादकों को खुदरा और थोक बाज़ारों से जोड़ेगा, नवाचारों का प्रदर्शन करेगा और भारत के खाद्य उद्योग के भविष्य को गति देगा।

लाड बाज़ार की प्राचीन गलियों से लेकर आधुनिक वाणिज्यिक केंद्रों तक, ये विविध बाज़ार सामूहिक रूप से हैदराबाद की परंपराओं को संरक्षित करते हुए समकालीन मांगों के अनुकूल ढल रहे हैं, जिससे वे शहर की पहचान और आर्थिक जीवन शक्ति के आवश्यक तत्व बन गए हैं। कुतुब शाही राजवंश का कला और व्यापार के प्रति संरक्षण, निज़ामों के वास्तुशिल्प और सांस्कृतिक योगदान के साथ मिलकर, एक ऐसी विरासत का निर्माण करता है जो हैदराबाद के जीवंत बाज़ारों में आज भी जीवित है। चौमहल्ला पैलेस जैसे संरचनाओं का शहर में होना और गोलकोंडा किला, कुतुब शाही मकबरे और चारमीनार जैसे स्मारकों को यूनेस्को विश्व धरोहर का दर्जा मिलने की उम्मीद, शहर के गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को रेखांकित करती है।

स्रोतों

  • Latest News, Breaking News, LIVE News, Top News Headlines, Viral Video, Cricket LIVE, Sports, Entertainment, Business, Health, Lifestyle and Utility News | India.Com

  • Laad Bazaar - Wikipedia

  • Begum Bazaar - Wikipedia

  • Food A'Fair 2025 Hyderabad is planned for 2025-11-14

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