आज के डिजिटल युग में, बच्चों का स्क्रीन टाइम एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बन गया है। स्पेन की डेटा प्रोटेक्शन एजेंसी की पूर्व निदेशक मार एस्पाना द्वारा शुरू की गई 'प्लेटफ़ॉर्म कंट्रोल ज़ेड' नामक एक नई पहल, बच्चों और किशोरों पर अत्यधिक स्क्रीन समय के नकारात्मक प्रभावों से निपटने का प्रयास करती है। यह पहल सामाजिक-मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और व्यवहार पर ध्यान केंद्रित करती है।
यह प्लेटफ़ॉर्म बच्चों के व्यवहार और सामाजिक विकास पर अत्यधिक स्क्रीन समय के संभावित प्रभावों पर प्रकाश डालता है। विशेषज्ञों ने भाषा विकास में देरी, सीखने में कठिनाई, नींद में गड़बड़ी, खाने के विकार, अवसाद, चिंता और आत्म-नुकसान की प्रवृत्ति जैसी समस्याओं पर जोर दिया है। भारत में, जहां स्मार्टफोन और इंटरनेट की पहुंच तेजी से बढ़ रही है, इन मुद्दों पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है।
प्लेटफ़ॉर्म का लक्ष्य बच्चों में हाइपर-कनेक्टिविटी के जोखिमों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह बच्चों को सोशल मीडिया और ऑनलाइन दुनिया में सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक कौशल सिखाने पर जोर देता है। यह माता-पिता और शिक्षकों को बच्चों के स्क्रीन समय को प्रबंधित करने और उनके मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा करने के तरीके भी प्रदान करता है।
यह पहल बच्चों को डिजिटल दुनिया में स्वस्थ और संतुलित जीवन जीने में मदद करने के लिए डिज़ाइन की गई है। यह बच्चों को ऑनलाइन सुरक्षा, साइबरबुलिंग और डिजिटल लत के बारे में शिक्षित करने पर केंद्रित है। भारत में, जहां बच्चे कम उम्र में ही डिजिटल उपकरणों का उपयोग करना शुरू कर देते हैं, यह पहल विशेष रूप से प्रासंगिक है।
निष्कर्ष में, 'प्लेटफ़ॉर्म कंट्रोल ज़ेड' बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक विकास की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह बच्चों को डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रहने और स्वस्थ जीवन जीने में मदद करने के लिए आवश्यक जानकारी और उपकरण प्रदान करता है।