हाल के आंकड़ों के अनुसार, माता-पिता के तनाव के स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता का विषय बन गया है। अमेरिकी सर्जन जनरल की एक सलाह इस बात पर जोर देती है कि माता-पिता और देखभाल करने वालों का समर्थन करने के लिए सामाजिक और नीतिगत हस्तक्षेपों की तत्काल आवश्यकता है। यह स्थिति न केवल परिवारों के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि माता-पिता का कल्याण सीधे तौर पर बच्चों के विकास और भलाई से जुड़ा हुआ है।
2023 के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि 33% माता-पिता ने उच्च तनाव स्तर की सूचना दी, जबकि अन्य वयस्कों में यह दर केवल 20% थी। इसके अतिरिक्त, लगभग 48% माता-पिता ने बताया कि अधिकांश दिन उनका तनाव पूरी तरह से भारी रहता है, जबकि अन्य वयस्कों में यह आंकड़ा 26% है। वित्तीय दबाव, समय की कमी, बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं, और सोशल मीडिया का प्रभाव जैसे कारक इस बढ़ते तनाव में योगदान करते हैं।
सर्जन जनरल डॉ. विवेक मूर्ति ने अपनी "पेरेंट्स अंडर प्रेशर" नामक सलाह में इस बात पर प्रकाश डाला है कि आज के माता-पिता को पिछली पीढ़ियों की तुलना में अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें सोशल मीडिया का प्रबंधन, बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं और अकेलेपन की महामारी शामिल हैं। माता-पिता का उच्च तनाव बच्चों के भावनात्मक और संज्ञानात्मक विकास पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। शोध बताते हैं कि तनावग्रस्त माता-पिता बच्चों के साथ कम प्रतिक्रियाशील और अधिक दंडात्मक व्यवहार कर सकते हैं, जिससे बच्चों के मस्तिष्क के विकास पर असर पड़ सकता है। इससे बच्चों में आक्रामकता, सामाजिक अलगाव, चिंता और अवसाद जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। अध्ययनों से यह भी पता चला है कि माता-पिता के तनाव का बच्चों के डीएनए पर भी आनुवंशिक प्रभाव पड़ सकता है, जो किशोरावस्था तक बना रह सकता है और भविष्य में जीन अभिव्यक्ति को प्रभावित कर सकता है।
इस संकट से निपटने के लिए, सर्जन जनरल ने नीतिगत बदलावों, सामुदायिक कार्यक्रमों, कार्यस्थल सहायता और व्यक्तिगत स्तर पर प्रयासों की सिफारिश की है। इसमें भुगतान की गई पारिवारिक और चिकित्सा अवकाश, सस्ती बाल देखभाल सहायता, और गरीबी कम करने वाले कार्यक्रम शामिल हैं। कार्यस्थलों को भी माता-पिता के लिए अधिक सहायक बनने की आवश्यकता है, जैसे कि प्रबंधकों को तनाव प्रबंधन में प्रशिक्षित करना और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच प्रदान करना। व्यक्तिगत स्तर पर, माता-पिता अपने तनाव को प्रबंधित करने के लिए कई रणनीतियाँ अपना सकते हैं, जिनमें नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद, गहरी साँस लेने के व्यायाम, ध्यान, और प्रियजनों या सहायता समूहों से जुड़ना शामिल है। अपने लिए समय निकालना, शौक पूरे करना और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए जर्नलिंग करना भी सहायक हो सकता है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि माता-पिता का कल्याण केवल व्यक्तिगत मामला नहीं है, बल्कि यह बच्चों और समाज के समग्र स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। इन सामूहिक और व्यक्तिगत प्रयासों से ही हम माता-पिता के तनाव को कम कर सकते हैं और एक स्वस्थ, सहायक वातावरण बना सकते हैं।