यूक्रेनी ड्रोन हमलों से रूसी तेल अवसंरचना को नुकसान, रिफाइनरी संचालन बाधित और कीमतों में वृद्धि

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यूक्रेन ने रूस की तेल और गैस अवसंरचना को निशाना बनाते हुए ड्रोन हमलों में वृद्धि की है, जिसका उद्देश्य रूसी अर्थव्यवस्था को कमजोर करना और संघर्ष के वित्तपोषण को कम करना है। इन हमलों ने रूसी तेल रिफाइनरियों की क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है, जिससे घरेलू स्तर पर ईंधन की कीमतों में वृद्धि हुई है। अगस्त 2025 में, विशेष रूप से 21 और 24 अगस्त को, यूक्रेन ने रूस के तेल शोधन और निर्यात अवसंरचना पर कई ड्रोन हमले किए। इन हमलों के परिणामस्वरूप कम से कम 10 रूसी तेल रिफाइनरियों में व्यवधान उत्पन्न हुआ है, जिससे देश की कुल तेल शोधन क्षमता का लगभग 17% या 1.1 मिलियन बैरल प्रतिदिन प्रभावित हुआ है। वॉल्यूम के संदर्भ में, यह लगभग 14% क्षमता का नुकसान है।

इन हमलों ने रूस के युद्धकालीन अर्थव्यवस्था के एक महत्वपूर्ण हिस्से को लक्षित किया है। इन हमलों के कारण रूस के कुछ क्षेत्रों और यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों में गैसोलीन की कमी हो गई है। उदाहरण के लिए, सुदूर पूर्व में कुरिल द्वीपों के कुछ हिस्सों में गैसोलीन की कमी हो गई है, जिससे स्थानीय अधिकारियों को सितंबर 2025 से प्रति व्यक्ति गैसोलीन की बिक्री पर 10 लीटर की सीमा लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। यह स्थिति रूस के घरेलू बाजार को स्थिर करने के लिए जुलाई 2025 में लगाए गए गैसोलीन निर्यात पर प्रतिबंध के बावजूद उत्पन्न हुई है। रूसी सरकार ने 24 अगस्त, 2025 को गैसोलीन निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, जो 2025 की शुरुआत से गैसोलीन की कीमतों में 25% की वृद्धि के जवाब में था।

यूक्रेन की रणनीति का उद्देश्य रूस की युद्ध लड़ने की क्षमता को कम करना है। इन हमलों को शांति वार्ता में यूक्रेन की सौदेबाजी की क्षमता बढ़ाने के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि ये हमले रूस की अर्थव्यवस्था पर सीधा प्रभाव डालते हैं, जो तेल और गैस निर्यात पर बहुत अधिक निर्भर है, जो इसके बजट राजस्व का लगभग एक चौथाई हिस्सा प्रदान करता है। इन हमलों के कारण रूस को अपनी वायु रक्षा संपत्तियों को अग्रिम पंक्ति से हटाकर ऊर्जा लक्ष्यों की रक्षा के लिए पुनर्निर्देशित करना पड़ रहा है।

रूसी सरकार ने घरेलू बाजार को स्थिर करने के लिए गैसोलीन निर्यात पर प्रतिबंध को सितंबर तक बढ़ाने का समर्थन किया है। इन हमलों के कारण रूस के तेल शोधन क्षेत्र को पहले से ही पश्चिमी प्रतिबंधों और उपकरणों की कमी का सामना करना पड़ रहा था, और अब इन हमलों से स्थिति और भी जटिल हो गई है, जिससे मॉस्को को घरेलू आपूर्ति और निर्यात प्रतिबद्धताओं दोनों में "श्रृंखलाबद्ध चुनौतियों" का सामना करना पड़ रहा है। इन हमलों का समय पर्यटन और कृषि की जरूरतों से गैसोलीन की मौसमी मांग के चरम पर भी है।

स्रोतों

  • Deutsche Welle

  • Reuters

  • Reuters

  • Financial Times

  • UNIAN

  • Українська правда

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