गाजा में गहराता मानवीय संकट: इजरायली हमलों और सहायता वितरण पर विवाद

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गाजा पट्टी में इजरायली सैन्य अभियानों के कारण मानवीय संकट लगातार बढ़ रहा है। मई 2025 से शुरू हुए इजरायली हमलों में सैकड़ों फिलिस्तीनी मारे गए हैं और बड़े पैमाने पर विनाश हुआ है। इन घटनाओं ने गाजा में गंभीर मानवीय स्थिति को उजागर किया है और तत्काल सहायता की आवश्यकता पर बल दिया है। मई 2025 में, इजरायली बलों द्वारा किए गए हमलों में 100 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए और कई आवासीय क्षेत्र नष्ट हो गए। विशेष रूप से, गाजा शहर के अल-दाराज इलाके में हुए हमलों में कम से कम 8 लोगों की मौत हुई और कई अन्य घायल हुए। जून 2025 में, इजरायली बलों ने अपने अभियानों को तेज कर दिया, जिसमें गाजा शहर के पश्चिमी हिस्से में आवासीय क्षेत्रों पर अर्ध-चौथाई हमले किए गए, जिसमें 3 लोग मारे गए और दो अन्य घायल हुए। इन हमलों के कारण निवासियों का विस्थापन हुआ और बुनियादी ढांचे का विनाश हुआ। जुलाई 2025 में, इजरायली रक्षा मंत्रालय ने रिपोर्ट दी कि "गाजा फॉर ह्यूमैनिटी" अभियान की शुरुआत के बाद से इजरायल ने गाजा में एक हजार से अधिक फिलिस्तीनियों को मार डाला है। हालांकि इस अभियान का उद्देश्य फिलिस्तीनियों को मानवीय सहायता प्रदान करना बताया गया है, लेकिन इसे फिलिस्तीनियों को निशाना बनाने के बहाने के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जो कानून के लिए एक गंभीर खतरा है। 22 जुलाई 2025 को, संयुक्त राज्य अमेरिका ने भी कहा कि इजरायल ने "गाजा फॉर ह्यूमैनिटी" अभियान की शुरुआत के बाद से गाजा में एक हजार से अधिक फिलिस्तीनियों को मार डाला है, जिनमें से तीन-चौथाई सहायता वितरण बिंदुओं के पास थे।

मानवीय सहायता के वितरण को लेकर भी विवाद है। मई 2025 में, अमेरिका-समर्थित गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (GHF) ने सहायता वितरण शुरू किया, जिसका उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के संचालन को प्रतिस्थापित करना था। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, GHF सहायता केंद्रों पर भोजन प्राप्त करने की कोशिश कर रहे 1,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं। डॉक्टरों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, GHF और इजरायली सैनिकों ने सहायता चाहने वालों पर गोलीबारी की है, जिससे कई मौतें हुई हैं। ह्यूमन राइट्स वॉच ने इन घटनाओं को अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन और युद्ध अपराध बताया है। गाजा की मानवीय स्थिति अत्यंत गंभीर बनी हुई है, जिसमें एक मिलियन से अधिक फिलिस्तीनी गंभीर मानवीय स्थिति से पीड़ित हैं। बुनियादी ढांचे का बड़े पैमाने पर विनाश, जिसमें लगभग 70% जल और स्वच्छता संयंत्रों का क्षतिग्रस्त होना शामिल है, स्थिति को और खराब कर रहा है। बिजली के बुनियादी ढांचे को भी भारी नुकसान हुआ है, जिसमें 90% से अधिक बिजली क्षेत्र के घटकों का विनाश शामिल है। इन सबके बीच, इजरायल का कहना है कि यह संकट हमास द्वारा बनाया गया है, जबकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय मानवीय सहायता के निर्बाध प्रवाह और संघर्ष विराम की मांग कर रहा है।

स्रोतों

  • Deutsche Welle

  • Deutsche Welle

  • DW

  • الجزيرة نت

  • هيومن رايتس ووتش: أوقفوا إفلات إسرائيل من العقاب على جرائمها ضد الفلسطينيين

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