चीन का जुलाई 2025 का ऊर्जा व्यापार: परिष्कृत तेल निर्यात में उछाल, एलएनजी आयात में गिरावट

द्वारा संपादित: Dmitry Drozd

जुलाई 2025 में चीन के ऊर्जा व्यापार में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखा गया, जहाँ परिष्कृत तेल उत्पादों के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जबकि तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के आयात में गिरावट आई। यह विरोधाभासी प्रवृत्ति चीन की ऊर्जा रणनीति में एक बड़े बदलाव को दर्शाती है, जो वैश्विक ऊर्जा गतिशीलता को सक्रिय रूप से नेविगेट करने और अपनी ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के उसके प्रयासों को रेखांकित करती है।

चीन ने जुलाई 2025 में 5.34 मिलियन टन परिष्कृत तेल उत्पादों का निर्यात किया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 7.1% अधिक है और पिछले 13 महीनों में सबसे अधिक मासिक आंकड़ा है। इस वृद्धि का नेतृत्व डीजल ने किया, जिसके निर्यात में वर्ष-दर-वर्ष 53.2% की वृद्धि दर्ज की गई, जो 820,000 टन तक पहुँच गया। गैसोलीन निर्यात में 18.6% की वृद्धि हुई, जो 930,000 टन तक पहुँच गया, और विमानन ईंधन निर्यात 10.9% बढ़कर 1.97 मिलियन टन हो गया। यह उछाल गर्मियों की छुट्टियों के दौरान सड़क और हवाई यात्रा की मजबूत मांग से प्रेरित था, जिसने निर्यात मार्जिन को बढ़ावा दिया। चीन की प्रमुख रिफाइनरियों ने अपनी कुल क्षमता का 80% से अधिक का उपयोग करके उत्पादन बढ़ाया, जिससे वैश्विक आपूर्ति को समर्थन मिला, खासकर एशिया के अन्य क्षेत्रों में जहाँ रिफाइनरी आउटेज ने स्थानीय आपूर्ति को प्रभावित किया।

इसके विपरीत, तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के आयात में गिरावट देखी गई। जुलाई 2025 में, चीन के एलएनजी आयात में 6.7% की साल-दर-साल गिरावट आई, जो 5.44 मिलियन टन रहा। विश्लेषकों का मानना है कि इस गिरावट के पीछे औद्योगिक मांग में कमजोरी, मजबूत घरेलू उत्पादन और पाइपलाइन प्राकृतिक गैस की बढ़ती उपलब्धता जैसे कारक हैं। इसके अतिरिक्त, वैश्विक व्यापार तनाव और टैरिफ ने अमेरिकी एलएनजी के आयात को प्रभावित किया है, जिससे चीन अन्य आपूर्तिकर्ताओं की ओर बढ़ रहा है। यह गिरावट पहले की उन उम्मीदों के विपरीत है जिनमें आर्थिक प्रोत्साहन उपायों के कारण एलएनजी आयात में रिकॉर्ड वृद्धि की उम्मीद थी। वास्तव में, चीन के एलएनजी आयात में लगातार आठवें महीने गिरावट देखी गई है, जो देश की औद्योगिक गतिविधि में नरमी और आर्थिक चुनौतियों की ओर इशारा करती है। विश्लेषकों का अनुमान है कि चीन के एलएनजी आयात में 2025 में तीन वर्षों में पहली बार गिरावट आने की संभावना है, जो औद्योगिक गतिविधि में कमी और घरेलू तथा पाइपलाइन गैस की मजबूत आपूर्ति को दर्शाता है। यह स्थिति चीन के विनिर्माण क्षेत्र में नरमी और बढ़ती आर्थिक अनिश्चितताओं की ओर भी इशारा करती है।

भू-राजनीतिक परिदृश्य में, अमेरिका-चीन व्यापार तनाव और टैरिफ के प्रभाव ने चीन को अपनी ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखलाओं को विविधतापूर्ण बनाने के लिए प्रेरित किया है। चीन खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) देशों के साथ अपने ऊर्जा संबंधों को मजबूत कर रहा है, जिसमें निश्चित खरीद समझौते शामिल हैं। ये समझौते एलएनजी पर अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव के खिलाफ रणनीतिक बचाव के रूप में कार्य करते हैं और चीन को बाजार की अस्थिरता से बचाते हैं, साथ ही खाड़ी देशों को एशिया के सबसे बड़े ऊर्जा बाजार में स्थिर मांग और रणनीतिक पकड़ प्रदान करते हैं। यह कदम चीन की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने और वैश्विक ऊर्जा प्रवाह में अपनी स्थिति को अनुकूलित करने की एक सचेत रणनीति का हिस्सा है।

कुल मिलाकर, जुलाई 2025 के चीन के ऊर्जा व्यापार के आंकड़े एक ऐसे राष्ट्र की तस्वीर पेश करते हैं जो वैश्विक ऊर्जा गतिशीलता को सक्रिय रूप से नेविगेट कर रहा है, अपनी निर्यात क्षमता का लाभ उठा रहा है और अपनी आयात रणनीतियों को भू-राजनीतिक और आर्थिक वास्तविकताओं के अनुरूप ढाल रहा है। यह परिष्कृत तेल निर्यात में वृद्धि और एलएनजी आयात में गिरावट चीन की ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करने और वैश्विक ऊर्जा बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करने के उसके निरंतर प्रयासों को रेखांकित करती है।

स्रोतों

  • Reuters

  • Reuters

  • Reuters

  • Financial Times

  • The Exchange Asia

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