पार्चेव के बेसिलिका में द्वितीय विश्व युद्ध के शहीदों, उल्मा परिवार के अवशेषों और छवि को स्थायी रूप से स्थापित किया गया है। यह घटना परिवारों के लिए प्रेरणा का एक स्रोत है जो उनके विश्वास और प्रेम को मजबूत करना चाहते हैं।
यह आयोजन 22 जून से 29 जून, 2024 तक सिडलस के डायोसीज़ में हुई एक डायोसेसन तीर्थयात्रा की परिणति है।
पार्चेव में बेसिलिका अब उल्मा परिवार से प्रेरित होकर, अपने विश्वास और प्रेम को मजबूत करने वाले परिवारों के लिए एक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में कार्य करता है। उल्मा परिवार ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यहूदियों को नाजी उत्पीड़न से बचाने में अपनी जान जोखिम में डाल दी, जिससे करुणा और बलिदान की एक स्थायी विरासत स्थापित हुई।
उल्मा परिवार की कहानी हमें सिखाती है कि कठिन परिस्थितियों में भी मानवता और करुणा का मार्ग चुनना संभव है। उनका जीवन हमें दूसरों की मदद करने और अपने मूल्यों के प्रति सच्चे रहने के लिए प्रेरित करता है, चाहे परिणाम कुछ भी हों।