दुर्लभ 1970 के दशक के वायांग स्वर्ण सिक्के नीलामी में संग्रहकर्ताओं को आकर्षित करते हैं

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हाल ही में हुई एक नीलामी में 1970 के दशक की वायांग श्रृंखला के स्वर्ण सिक्कों की प्रदर्शनी की गई, जिसने संग्रहकर्ताओं का विशेष ध्यान आकर्षित किया। ये सिक्के, जो 1971 से 1974 के बीच इंडोनेशिया के बैंक द्वारा जारी किए गए थे, शुद्ध सोने से निर्मित हैं और महाभारत एवं रामायण महाकाव्यों के पात्रों की जटिल डिजाइनों को दर्शाते हैं।

वायांग श्रृंखला में कई अंक शामिल हैं, जैसे Rp100, Rp200, Rp500, Rp850, और Rp1,000 के सिक्के। प्रत्येक सिक्के पर अलग-अलग वायांग पात्र जैसे अर्जुन, गटोतकच, और भीम की छवि है, जो इंडोनेशियाई नक्काशी कला को कीमती धातु में प्रस्तुत करती है।

इस नीलामी में इन सिक्कों का मूल्य केवल उनके सोने की मात्रा तक सीमित नहीं था, बल्कि उनकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्ता को भी उजागर किया गया। विस्तृत डिजाइनों और वायांग पात्रों के उपयोग के कारण ये सिक्के सिक्काशास्त्र के जानकारों के बीच अत्यंत मूल्यवान माने जाते हैं। यह आयोजन इन सूक्ष्म कलाकृतियों की स्थायी आकर्षकता को दर्शाता है, जो वित्तीय मूल्य के साथ-साथ सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक हैं।

स्रोतों

  • Hai Bandung

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